रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है पूर्ण जानकारी
रक्षाबंधन हिंदू धर्म का बहुत ही पवित्र त्योहार है । इसे भारत के साथ-साथ विश्व के कई देशों में मनाया जाता है। यह पर्व खास करके हिंदू धर्म के लोग मनाते हैं लेकिन बहुत जगह ऐसा भी होता है कि मुस्लिम लड़की भी हिंदू लड़के को राखी बांधती है। यह पर्व का प्रचलन सिर्फ हिंदू में ही नहीं बल्कि कई और धर्म के लोगों में भी देखने को मिल रहा है। खासकर विश्व भर में जहाँ पर भी हिन्दू धर्म के लोग रहते हैं वहाँ रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। आज इस पोस्ट में हम लोग रक्षाबंधन के बारे में पूरा जानकारी लेंगे कि रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है। और यह पर्व कब से मनाने का प्रचलन शुरू हुआ है।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है
रक्षाबंधन का दो शब्दों के मिलने से बना है। रक्षा + बंधन = रक्षाबंधन। रक्षाबंधन सावन के आखरी दिन मनाया जाता है। इस पवित्र पर्व में बहन अपना भाई को राखी बांधती है और मिठाई खिलाती हैं। यह पर्व साल में एक बार मनाया जाता है। रक्षा से अभिप्राय है कि बहन अपना भाई का रक्षा ( सुरक्षा ) के लिये प्रतिवर्ष राखी बांधती है और बंधन से अभिप्राय है कि भाई और बहन का रिश्ता हमेशा ( बंधे ) मजबूत रहे । रक्षाबंधन में बहन अपना भाई के कलाई में राखी बांधती है और भाई का लंबे उम्र का कामना करती हैं। राखी बांधने के बाद भाई अपना बहन को उपहार देता हैं और सदा सूखी रहने का कामना करता हैं। जो व्यक्ति को अपना बहन नहीं रहता हैं उसे चचेरी, ममेरी, फुफेरी बहन राखी बांधती है। विश्व भर में सिर्फ भाई और बहन का ही ऐसा रिश्ता है जो कभी टूटता नहीं है। यहाँ तक कि जब शादी में वर और वधु सात जन्म साथ रहने का वचन लेता है, वो भी बाद में आपसी मतभेद के कारण एक दूसरे अलग-अलग हो जाता हैं । कानून में भी पति पत्नी को अलग होने का ( तालाक ) नियम बना हुआ हैं , परन्तु भाई और बहन का पवित्र बंधन को कोई भी तोड़ नहीं सकता हैं।
रक्षाबंधन कब से मनाया जाता है
पौराणिक कथाओं के अनुसार सम्पूर्ण विश्व का रक्षा के लिए देवता और असूरो के बिच बहुत बड़ा युद्ध हुआ। यह युद्ध लगातार 12 वर्षों तक चलता रहा लेकिन देवताओं को विजय नहीं मिला अंत में देवगुरु बृहस्पति ने इन्द्र की पत्नी को सावन के पूर्णिमा के दिन वर्त रखकर रक्षा सूत्र बांधने को कहा ताकि विजय प्राप्त कर विश्व को असूरो से मुक्त किया जा सके। इन्द्राणी ने सावन के पूर्णिमा के दिन वर्त रखकर इंद्र का दाहिने कलाई में रक्षा सूत्र बांधी और प्रसाद खिलाई साथ ही इंद्र का विजय का कामना कि। इसके बाद इंद्र ने जो युद्ध 12 वर्षों से असूरो से नही जित पाया था वो युद्ध चंद मिनटो में जित लिया। इसी समय से रक्षाबंधन मनाने का प्रथा आरंभ हुआ और प्रतिवर्ष बहन अपना भाई के दाहिने कलाई में राखी बांधने लगी। वैसे कोई भी पर्व इतना बड़ा विश्व स्तर पर मनाने का कोई एक स्टीक कारण नहीं हो सकता हैं। इसके पिछे और भी बहुत सा कारण व तथ्य छिपे रहते हैं।
Happy raksha bandhan in advance. Helpful article
Nice post
Thanks