न्यायालय से अपनी संपत्ति से कब्जा कैसे छुड़वाए



       पुलिस या न्यायालय से अपनी संपत्ति को सुपुर्ददारी पर कैसे छुड़वाए ?





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 सुपुर्ददारी का मतलब है मुकदमे से जुड़ी किसी भी वस्तु संपत्ति या दस्तावेज को अगला आदेश जारी होने तक किसी व्यक्ति को सौंपना | कानून की भाषा में से किसी सामान वस्तुएं दस्तावेज को माल  आदेश यानी  केस प्रॉपर्टी कहा जाता है | जैसे कि चोरी के मामले में चुराया गया समान उस मुकदमे की केस प्रॉपर्टी है  | दस्तावेज खो जाने और बाद में किसी अभियुक्त से उनकी  बरामदगी उस मुकदमे की केस  प्रॉपर्टी  है | किसी अपराध को अंजाम देने के लिए प्रयोग किए गए हथियार सामान्य दस्तावेज भी है जैसे कि हत्या में प्रयोग किए गया रिवाल्वर या चाकू दुर्घटना के मामले में वाह-वाहन जिससे दुर्घटना हुई है ,मुकदमे की केस प्रॉपर्टी है |


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        मुकदमे में  जांच के दौरान केस प्रॉपर्टी और कैसे छुड़वाया जाए? 



  मुकदमे या जांच के दौरान अपनी संपत्ति या सामान( केस -प्रॉपर्टी )को छुड़वाने के लिए उसके मालिक द्वारा न्यायालय में आवेदन दिया जाता है | इसके बाद  न्यायालय मे उस मुकदमे जांच का परिणाम आने तक के समय के लिए उस सामान किस सुनिश्चित सुपुर्दगी का आदेश जारी करता है | आप संपत्ति के मालिक होने के नाते न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को भी उस संपत्ति के सुनिश्चित सुपुर्दगी हासिल करने के लिए आवेदन करने का अधिकार दे सकते हैं  |किस प्रॉपर्टी को सुपुर्द दारी हासिल करने के लिए उसमें उससे जुड़े सभी आवश्यक कागजातों की कापियां आवेदन के साथ लगाने अवश्य के साथ ही न्यायालय में उनका कापीओ की सत्यता साबित करने के लिए मूल दस्तावेज भी साथ रखनी चाहिए  |ताकि मजिस्ट्रेट द्वारा मांगे जाने पर उन्हें पेश किया जा सके |





     सुपुर्द धारी का इकरारनामा (



बॉन्ड) 



प्रायः केस संपत्ति के सुनिश्चित सुपुर्दगी का आदेश देते समय मजिस्ट्रेट संपत्ति के मालिक को वचन पत्र अंदर टेकिंग के रूप में इकरारनामा दाखिल करने का निर्देश देता है |ताकि जब भी उससे संपत्तियां वस्तु को न्यायालय में पेश करने को कहा जाएगा तो आप उसे पेश करें या वचन पत्र ₹100/- न्यायिक पत्र (नॉन जुडिशल स्टांप पेपर) पर लिखा जाता है |


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          अलग-अलग मूल्य वाले गैर  न्यायिक पत्र न्यायालय परिसर में स्टांप विक्रेताओं के पास उपलब्ध रहते हैं | वचन पत्र स्वीकार करने के बाद न्यायालय एक रिलीज ऑर्डर सुपुर्द अध्यादेश जारी करता है, संपत्ति का मालिक  उस देश की दस्त कॉपी भी प्राप्त कर सकता है | वह आदेश संबंधित पुलिस स्टेशन के मालखाना मुंश( एम.एच.सी )को जाकर देता है जिसके बाद माल खाना मुंशी उसको या उसके द्वारा अधिकार प्राप्त किसी व्यक्ति को व संपत्ति सौंप देता है |


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अर्थदंडं( जुर्माना) क्या है? 



ध्यान रहे कि निर्देशानुसार, जब भी आपके केस-प्रॉपर्टी को न्यायालय में पेश करने में असफल होते हैं और जो कि इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह आप की होती है  |परिणाम शुरू आपको जुर्माना के रूप में वचन पत्र में लिखी गई राशि का भुगतान करना होता है |न्यायालय आपसे वचन पत्र की निर्धारित राशि वसूलते हैं अतः कभी भी वचन पत्र के नियम व शर्तो का उल्लंघन नहीं करें |


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   केस प्रॉपर्टी( माल मुकदमा) का तुरंत निपटारा



यदि केस प्रॉपर्टी खराब होने वाली है या उसके बेकार होने की संभावना है जैसे कि खाने-पीने का सामान, तो न्यायालय जैसे उचित समझे ,उसको बेचने या किसी अन्य तरीके से देने का आदेश दे सकता है  |विस्फोटक सामग्री को नष्ट करने का आदेश दिया जा सकता है|


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      फैसला आने पर केस प्रॉपर्टी का निपटारा



 यदि जांच या मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक केस- प्रॉपर्टी न्यायालय में जमा रहती है ,तो मुकदमे का फैसला आने पर न्यायालय उसको नष्ट करने, राज्य को सौंपने उसके किसी योग्य दावेदार को  सपने का आदेश दे सकता है उदाहरण के तौर पर यदि आपकी कार में अवैध शराब और पुलिस उसे पकड़ लेती है तो न्यायालय फैसला सुनाते समय उस कार  को राज्य के सुपुर्द करने का आदेश दे सकता है पर यहां या लिखना उचित है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश दिए है कि माल मुकदमे को थाने में अधिक देर तक ना रखा जाए बल्कि उसका निपटारा किया जाए   ताकि माल मुकदमा थानों में ही नाश गलता सड़ता रहे 


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