मकान सम्पत्ति से प्राप्त आत पर कितना टैक्श लगता है

 आयकर अधिनियम की धारा 22 के अनुसार मकान संपत्ति से आय मे मकान व उससे संलग्न भूमि की आय पर आयकर लगता है, जिनका करदाता स्वामी है और जिसे उसने अपने किसी व्यापारी या पेशे के संबंध में प्रयोग नहीं करके किसी अन्य व्यक्ति को किसी प्रयोग हेतु दिया है।

मकान संपत्ति से आय पर कर के संबंध में निम्नलिखित बातें प्रमुख है:-

1) मकान तथा उससे लगी हुई भूमि:-  मकान संपत्ति से आय के अंतर्गत मकान एवं उससे लगी हुई भूमि की आय पर ही कर लगता है। भूमि मकान से लगी हुई न हो तब उसकी आय पर अन्य साधनों से आए शीर्षक के अंतर्गत लगता है।
2) वार्षिक मूल्य:-  मकान संपत्ति शीर्षक से आय की गणना वार्षिक मूल्य के आधार पर की जाती है। यह आवश्यक नहीं है कि ऐसेेेे मकान से किराए के रूप में  वास्तव मेंंंंंआय प्राप्त हो  रही है। करदाता के स्वयं के रहनेेेे के मकान का भी वार्षिक मूल्य निर्धारित किया जाता है, और इस शीर्षक में ऐसे मकान की भी आय की गणना की जाती है। 
3) संपत्ति का स्वामी होना:- केवल उसी मकान की आय को इस शीर्षक के अंतर्गत सम्मिलित करते हैं, जिनका करदाता स्वामी है । यहां मकान का स्वामी होने से अभिप्राय लाभकारी व वैधानिक दोनों प्रकार के स्वामी से हैं। 
4) माना गया स्वामित्व:-   निम्न परिस्थितियों में करदाता केेेेे पास  लाभकारी वाह वैधानिक दोनों में से किसी एक स्वामित्व  के न होने पर भी स््वामि मान लििया जाता हैै-
¡) किराया क्रय अनुबंध के अन्तर्गत प्राप्त मकान सम्पत्ति।
¡¡) पट्टा अनुबंध के अन्तर्गत प्राप्त मकान सम्पत्ति
¡¡¡) भवन निर्माण सत्ता द्वारा अपने सदस्यों को आवंटित मकान सम्पत्ति की स्थिति में सदस्यों को ही स्वामी माना जाता है। 

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