आर्य समाज मंदिर में शादी करने का पुरा नियम जानें।


आज इस पोस्ट में हमलोग बात करेंगे आर्य समाज मंदिर में शादी करने का पूरा प्रोसेस क्या है? आर्य समाज मंदिर में शादी आप मात्र 1 दिन में यानी कि 2 घंटा नहीं संपन्न कर सकते हैं। आर्य समाज मंदिर का शादी कानूनी रूप से पूरा मान्य है। आप लोग जिस दिन आर्य समाज मंदिर में शादी करते हैं उस दिन के बाद आप लोग कानूनी तौर पर पति पत्नी बन जाते हैं। और आगे भविष्य में आपको कभी भी किसी भी प्रकार का कोई परेशानी नहीं हो सकता है।





नियम व शर्तें 


आर्य समाज मंदिर में शादी के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण कागजात देना होगा कागजात के तौर पर आप अपना आधार कार्ड दे सकते हैं और पैन कार्ड दे सकते हैं साथ ही यदि आपका स्कूल का कोई सर्टिफिकेट है तो वह भी दे सकते हैं। यह कागजात में मुख्य रूप से यह बात देखा जाता है कि लड़का-लड़की का उम्र कितना है। यदि लड़की का उम्र 18 साल से कम और लड़का का उम्र 21 साल से कम है तो यह शादी संभव नहीं हो पाएगा । शादी करने के लिए कम से कम लड़की का उम्र 18 साल और लड़का का कम से कम उम्र 21 साल पुरा होना जरूरी है, इससे 1 दिन भी यदि कम आप लोग का उम्र है तो यह शादी मान्य नहीं होगा और आर्य समाज में आपका शादी संभव नहीं हो पाएगा ।









शपथ पत्र 


आप दोनों लोग को शपथ-पत्र देना होगा शपथ पत्र में खास करके आप से यह बात लिखाया जाएगा कि आपका शादी इससे पहले कहीं भी कभी भी नहीं हुआ है। यदि शादी आप लोग का हुआ भी है तो तलाक हो गया हो तभी आप दूसरा शादी कर सकते हैं। आपके पास तलाक का डिक्री होना जरूरी है। बिना ताला का डिक्री के दूसरा शादी नहीं कर सकते हैं। साथ ही साथ शपथ पत्र में यह भी उल्लेख किया जाता है की लड़की  किसी के डर से या किसी प्रकार का प्रलोभन के लिए या शादी नहीं कर रही है। और इस शादी के लिए उन्होंने किसी प्रकार का कोई दहेज देने का दावा नहीं किया है । और ना ही दहेज दिया है । यह शादी खुद लड़का और लड़की अपना मर्जी से कर रही है।









शादी का गवाही 


आप जब आर्य समाज मंदिर में शादी करने जाते हैं तो वहां आपको दो गवाह देना देना पड़ता है। यहां पर मैं यह बात क्लियर करना चाहता है कि गवाह जरूरी नहीं है कि लड़की का परिवार का या रिश्तेदार कोई हो या फिर लड़का का कोई परिवार का हो या फिर लड़का का कोई रिश्तेदार का हो । यहां पर कोई तीसरा व्यक्ति भी गवाह बन सकता है। जैसे आपका कोई मित्र है तो वह यहां पर गवाह बन सकता है।  जो व्यक्ति आपका शादी का गवाह बनेगा उसका भी आधार कार्ड देना होगा और दो फोटो देना होगा और आपलोग को जो मैरिज का सर्टिफिकेट मिलेगा उस सर्टिफिकेट पर गवाह का हस्ताक्षर किया जाएगा। आपलोग को यहां ध्यान रखना होगा कि आप लोग जब जाय माला करते है तो उस समय का फोटो और सिन्दूरदान करते समय का फोटो अपने पास संभाल कर रखें बाद में काम आएगा।









आर्य समाज मंदिर में शादी का सत्यता


जब आप आर्य समाज मंदिर में शादी करते हैं तो यह शादी बिल्कुल कानूनी तौर पर मान्य होगा। और आर्य समाज मंदिर में जहां आप शादी करेंगे वहां पर आर्य समाज मंदिर के द्वारा आप लोग को मैरिज सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा और उस सर्टिफिकेट को आप कभी भी अपना काम में ले सकते हैं। जैसे यदि बाद में आपका शादी पर कोई व्यक्ति किसी प्रकार का अंकुश डालता है तो आप इसे कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश कर सकते हैं। साथ ही आपलोग को कहीं भी पति-पत्नी साबित करना हो तो आपलोग मैरिज सर्टिफिकेट को उपयोग कर सकते हैं। आर्य समाज मंदिर में किया गया शादी पूरा भारत में मान्य है आपको कभी भी कोई भी परेशानी नहीं हो सकता है।









शादी के बाद केस होने पर क्या करें 


हो सकता है कि आप जब आर्य समाज मंदिर में शादी करते हैं और उसके बाद यदि कोई व्यक्ति आपका शादी पर किसी प्रकार का कोई ऑब्जेक्शन डालता है और केस करता है जैसे मान लेते हैं कि लड़की का पिता ही आपके ऊपर आरोप लगा देता है कि आपने उसका बेटी को भगाकर ले गए और जोर-जबर्दस्ती उससे शादी कर लिए तो यह बात उसका मान्य नहीं होगा। क्योंकि यहां पर उसका लड़की ने खुद आर्य समाज मंदिर में शपथ पत्र दिया हुआ है जिसमे उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि मैं यह शादी अपना मर्जी से कर रही हूं। और आप लोग के पास शादी का सर्टिफिकेट भी है बाद में यदि कोर्ट में आप लोग को उपस्थित होने के लिए कहा जाए तो आप लोग जब कोर्ट में उपस्थित होंगे तो यह भी बात कह सकते हैं कि मैंने शादी अपना मर्जी से किया है। साथ ही यदि कोर्ट को यह लगे कि मंदिर का जो व्यवस्थापक है उसको बुला कर कुछ पूछा जाए तो ऐसे परिस्थिति में मंदिर का व्यवस्थापक कोर्ट जाएगा और आप लोग का समर्थन करेगा।









कौन मंदिर में शादी करें 


आप पूरा भारत में कहीं भी अपना सुविधा के अनुसार आर्य समाज मंदिर में शादी कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि आप जिस आर्य समाज मंदिर में शादी करने जाते हैं वह मंदिर आपका गांव में या आपका जिला में या आपका राज्य में होना जरूरी है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है । आप पूरा भारत में अपना सुविधा के अनुसार कहीं भी शादी कर सकते हैं। यदि आप अपना नजदीकी मंदिर में शादी नहीं करना चाहते हैं आपको वहां किसी प्रकार का कोई परेशानी का सामना करना पड़ जाए, तो ऐसी परिस्थिति में आप कही दूरदराज के मंदिर में भी जाकर शादी एक दिन में ही कर सकते हैं। इसका कुछ मुख्य बातें भी है जैसे मान लेते हैं कि आप यदि कहीं दूसरा जगह शादी करने के लिए जाते हैं तो वहां आपको निवासी का कुछ प्रूफ देना होगा। आप रेंट एग्रीमेंट भी देकर काम चला सकते हैं कि मैं यहां कुछ दिन से रह रहा हूं। इसके बाद आपका शादी संपन्न हो जाएगा।









दूसरे धर्म में शादी 


आर्य समाज मंदिर में सभी धर्म का तो शादी नहीं होता है क्योंकि आर्य समाज मंदिर सिर्फ हिंदू धर्म को समर्थन करती है । ऐसे में यदि लड़का हिंदू है और लड़की मुस्लिम है फिर भी आर्य समाज मंदिर में आप लोग का शादी हो जाएगा। इसके लिए कुछ प्रक्रिया है वह प्रक्रिया से आप लोग को गुजारना होगा। वह प्रक्रिया बहुत आसान है आप लोग का सबसे पहले आर्य समाज मंदिर में शुद्धिकरण करवाया जाएगा। आर्य समाज मंदिर में यह प्रावधान है कि यदि कोई दूसरा धर्म का व्यक्ति शादी करने के लिए आता है तो उसका पहले शुद्धिकरण कराया जाता है। शुद्धीकरण के बाद आप लोग हिंदू धर्म में आ जाएंगे और उसके बाद आप लोग आसानी से आर्य समाज मंदिर में शादी कर सकते हैं 1 दिन में और मैरिज सर्टिफिकेट भी ले सकते हैं। यहां मैं एक चीज और क्लियर करना चाहता हूं कि मुस्लिम में आप कोई भी धर्म से क्यों न हो और हिंदू धर्म में भी हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई जो भी है कोई भी धर्म हो आप लोग शादी 1 दिन में कर सकते हैं और यह शादी कानूनी तोर पर भी मान्य होगा।









शादी का रजिस्ट्रेशन


आर्य समाज मंदिर में शादी करने के बाद आपलोग को यह शादी को रजिस्टर्ड करवाना होगा। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का यह गाइडलाइंस है कि प्रत्येक व्यक्ति यदि शादी करता है तो उसे शादी का अनुबंध करवाना जरूरी है। यानी की शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। ऐसे में यदि आपलोग आर्य समाज मंदिर में शादी करते हैं तो शादी करने के बाद आप मैरिज सर्टिफिकेट लेकर और आपने जो जयमाला करते समय फोटो लिए थे और सिंदूर दान करते समय फोटो लिए थे यह सब फोटो लेकर और आधार कार्ड लेकर आप लोग कोई भी मैरिज रजिस्ट्रार के पास जाकर अपना शादी को रजिस्टर्ड करवा सकते हैं। आप यदि मैरिज रजिस्टर के पास जाकर शादी को रजिस्टर्ड करेंगे उसके बाद आपलोग को एक सर्टिफिकेट वहां दिया जाएगा। मतलब मैरिज रजिस्टर क भी प्रूफ मिलेगा और यह दोनों सर्टिफिकेट को आपको संभाल कर रखना होगा।









शादी के लिए वक़ील करना 


यदि आप लोग आर्य समाज मंदिर में शादी करना चाहते हैं और उस शादी को रजिस्टर करवाना चाहते हैं तो यहां पर आर्य समाज मंदिर में शादी के लिए तो आपको वकील का आवश्यकता नहीं पड़ेगा, लेकिन जब आप इस शादी को रजिस्टर करवाने जाएंगे तो हो सकता है वहां आपको कुछ परेशानी हो जाए, तो आपको वकील का सहारा लेना पड़ सकता है। यदि आप खुद कोर्ट के प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझते हैं जानते हैं तो फिर आप बिना वकील का भी रजिस्टर  करवा सकते हैं, लेकिन यदि आप कोर्ट का प्रक्रिया से उतना अवगत नहीं है तो ऐसे परिस्थिति में आपको वकील से मदद लेना चाहिए, क्योंकि शादी कोई एक-दो दिन का बात नहीं है। यह आपका लाईफ का बात है। ऐसे में यहां पर जब आपका कागजात पूरा मजबूत हो जाए तो भविष्य में आपको कोई परेशानी नहीं होगा। यदि आप चाहते हैं तो आप अपना आर्य समाज मंदिर मैं शादी से पहले भी वकील को हायर कर सकते हैं। ताकि आपको किसी प्रकार का कोई भी नहीं हो।









आर्य समाज मंदिर में शादी का फिस 


वैसे आर्य समाज मंदिर में शादी का फिस पहले से तो तय नहीं किया जाता है लेकिन सभी मंदिर का अपना अलग-अलग लेने का तरीका होता है, लेकिन आपको बता दें कि यहां आपको कोई ज्यादा फीस का भुगतान नहीं करना पड़ता है, जो भी आर्य समाज मंदिर है वह सिर्फ नाम मात्र का ही फीस लेती है। यह बात का जानकारी के लिए आप जिस मंदिर में शादी करना चाहते हैं उस मंदिर में आप संपर्क कर सकते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि आप सभी डॉक्यूमेंट लेकर एक ही दिन जाएंगे और शादी हो जाएगा । आपको मंदिर का जो व्यवस्थापक है उससे पहले संपर्क करना होगा। यदि आप पहले संपर्क करेंगे तो शादी में जो सामान का आवश्यकता है वह सामान आपको बताया जाएगा। साथ ही आपको क्या-क्या लेकर आना है यऔरे सब बात बताया जाएगा और एक तारीख तय किया जाएगा। आपका शादी जिस तारीख पर जो है उस तारीख पर वहां जाना होगा और आपका शादी संपन्न किया जाएगा। जैसे शादी के लिए आपको सामान में कहा जा सकता है मिठाई लाने और भी इसी प्रकार का जो घरेलू सामान होता है वह आपको लाने को कहा जा सकता है तो। आपलोग इसके लिए पहले ही मंदिर से संपर्क करें ताकि कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।



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