रेंट एग्रीमेंट अब घर बैठे तैयार करें


आज हम लोग बात करेंगे रेंट एग्रीमेंट के बारे में की रेंट एग्रीमेंट क्या है और इसे कैसे बनाया जाएगा। साथ ही साथ रेंट एग्रीमेंट बनाने के फायदे और नुकसान के बारे में भी आज हम लोग चर्चा करने जा रहे हैं। जब भी आप कोई प्रॉपर्टी, कोई मकान, कोई दुकान या कोई वाहन किसी को किराए पर दे रहे हैं तो आपको रेंट एग्रीमेंट बना लेना चाहिए।








 यदि आप रेंट एग्रीमेंट नहीं बनाते हैं तो आप भारी नुकसान में फंस सकते हैं। यदि आप रेंट एग्रीमेंट नहीं बनाएंगे तो जो किराएदार है वह आपको समय से भुगतान नहीं करेगा और जब आप उसको खाली कराना चाहेंगे तो वह खाली भी नहीं करेगा। आप दोनों आपस में उलझ भी सकते हैं इसलिए आपको रेंट एग्रीमेंट बनवा लेना चाहिए।








  रेंट एग्रीमेंट काफी कम खर्च में बन जाएगा। आज हम लोग बात करेंगे कि आप खुद से रेंट एग्रीमेंट घर बैठे कैसे बना सकते हैं। रेंट एग्रीमेंट बनाना काफी आसान है। नीचे आपको रेंट एग्रीमेंट का एक फॉर्मेट दिया जा रहा है आप इसे देखकर आसानी से रेंट एग्रीमेंट तैयार कर सकते हैं।








             RENT AGGREMENT



प्रथम पक्ष (स्वामी) का नाम व पता .....................

द्वितीय पक्ष(किराएदार) का नाम व पता ..................

संपत्ति का विवरण व पता .............................



1. यह की प्रथम पक्ष उपयुक्त संपत्ति / प्रॉपर्टी/ वाहन का मालिकाना हक रखता है और खुद स्वामी है।

2.. यह की उपयुक्त संपत्ति/ प्रॉपर्टी/वाहन द्वितीय पक्ष को किराये पर दिया गया है जिसका किराया प्रतिमाह ₹1000 है।

3.. यह की द्वितीय पक्ष प्रतिमाह किराये का भुगतान माह के प्रथम सप्ताह में करेगा तथा पानी और बिजली बिल का भुगतान उपयोग के हिसाब से किराये के साथ भुगतान करेगा।

4. यह की द्वितीय पक्ष प्रॉपर्टी/ संपति / मकान/दुकान खुद अपने लिये लिया है और वह किसी दूसरे व्यक्ति को किराये पर नहीं देगा और किसी प्रकार का कोई गैरकानूनी/ अनैतिक उपयोग प्रॉपर्टी का नहीं करेगा।








5. यह की दिनांक 00/00/0000 से उक्त संपत्ति/ प्रॉपर्टी/ भवन/ दुकान का मालिक द्वितीय पक्ष हैं।

6. यह की जब प्रथम पक्ष उक्त संपत्ति/ प्रॉपर्टी/मकान खाली कराना चाहे तो बिना कोई नोटिस के खाली करा सकता है।

7. यह की संपत्ति/ प्रॉपर्टी/ मकान में बिना प्रथम पक्ष के लिखित अनुमति के द्वितीय पक्ष किसी प्रकार का कोई निर्माण कार्य या तोड़- फोड़ नहीं करेगा यदि करता है तो द्वितीय पक्ष को मुआवजे का भुगतान करना होगा।

       अतः :- दोनों पक्ष और दोनों ग्वाह ने उपयुक्त तथ्य को पढ़कर समझ लिया और निचे हस्ताक्षर किया।

       नोट:- यह इकरारनामा इसलिए बनाया गया ताकि किसी प्रकार का कोई विवाद के समय काम अए।

हस्ताक्षर                   हस्ताक्षर                 हस्ताक्षर

( प्रथम पक्ष)              (ग्वाह)                  (द्वितीय पक्ष)






सूचना:- यदि आपको कोई समस्या आ रहा है एग्रीमेंट तैयार करने में तो आप नीचे काॅमेन्ट करके पुछ सकते है।  यहाँ एग्रीमेंट का सिर्फ एक नमूना दिया गया है।               

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