वसीयत कैसे बनाते हैं नियम व कानून


कोई भी व्यक्ति अपना खुद का प्रॉपर्टी किसी दूसरे के नाम क़ानूनी तोर पर स्थानांतरित कर देता है लेकिन यह हस्तांतरण  प्रॉपर्टी के स्वामी के मरने के बाद ही स्थानांतरित माना जाता है इसी प्रक्रिया को वसीयत के नाम से जाना जाता है।









वसीयत करने का नियम 


 वसीयत करने का कई नियम और कानून है। आप वसीयत सादे पेपर पर भी कर सकते हैं या करवा सकते है। लेकिन आपको वसीयत एक स्टाम्प पेपर पर करवाकर उसे रजिस्टर्ड करवा लेना चाहिये। एक रजिस्टर्ड वसीयत का वैल्यू काफी ज्यादा हो जाता है। वैसे सादा पेपर पर किया गया वसीयत भी मान्य है लेकिन उसे कोर्ट में आसानी से चुनौती दिया जा सकता है। स्टाम्प पेपर पर भी यदि आप वसीयत बनाते हैं तो कोर्ट में उसे भी चुनौती दिया जाता है लेकिन स्टाम्प पेपर पर बनाया गया वसीयत का कोर्ट में ज्यादा वैल्यू भी दिया जाता है।  इसलिए आप जब भी वसीयत करवाते हैं तो उसे आपको रजिस्टर्ड करवा लेना चाहिए। साथ ही साथ वसीयत पर जो दो गवाह का हस्ताक्षर  किया गया है वह दोनों आपका कोई निजी और करीबी व्यक्ति होना काफी जरूरी है। क्योंकि जब बाद में इस वसीयत को कोर्ट में चुनौती दिया जाएगा तो वह गवाह का भी बयान कोर्ट में दर्ज करवाया जाता है। विश्वासी आदमी है तो आपको कोर्ट में परेशानी नहीं होगा।









वसीयत की वैधता 


वसीयत कर्ता जब भी चाहे तो वह किया गया वसीयत को निरस्त कर सकता है। यह उसका प्रकृति के ऊपर निर्भर है। यदि वसीयत कर्ता एक ही प्रॉपर्टी का वसीयत 4 बार कर दिया है तो जो आखिरी वसीयत किया गया है वहीं वसीयत मान्य होगा। उदाहरण के लिए यदि कोई वसीयत कर्ता पहले अपना प्रॉपर्टी का वसीयत  A के साथ करता है उसके बाद B के साथ करता है उसके बाद C के साथ करता है और उसके बाद D के साथ करता है तो यहां पर सबसे आखरी बार वसीयत D के साथ किया गया है तो यहां D का ही वसीयत मान्य होगा बाकी A, B, C का वसीयत खारिज हो जाएगा।









वसीयत का प्रॉपर्टी बेचना


जो व्यक्ति वसीयत करता है यदि वह व्यक्ति वसीयत करने के बाद उस प्रॉपर्टी को बेच देता है तो ऐसे परिस्थिति में भी वसीयत खारिज हो जाएगा और वसीयत करने वाला व्यक्ति के मृत्यु के बाद जिसके नाम वसीयत किया गया है वह उस प्रॉपर्टी पर दवा पेश नहीं कर सकता है और ना ही किसी प्रकार का कानूनी लड़ाई लड़ सकता है। क्योंकि वसीयत का नियम यही है कि वसीयत करने वाला व्यक्ति एक बार यदि वसीयत उस प्रॉपर्टी का करता है उसके बाद यदि कोई दूसरा वसीयत पुनः कर दे या उस प्रॉपर्टी को को बेच दे तो पहले जो वसीयत किया गया है वह वसीयत खारिज हो जाएगा।

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