प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इसे याद रखें

आजके इस पोस्ट में हमलोग बात करेंगे कि जमीन या फिर कोई प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले आपको कौन-सा कागजात का डिमांड प्रॉपर्टी का मालिक से करना चाहिए और उसका सत्यापन आपको कैसे करना चाहिए। अक्सर समाज में ऐसा देखा जाता है कि जो जमीन विवादीत हैं जिसका दाख़िल ख़ारिज नहीं होता है या अन्य कोई भी समस्या रहता है तो ऐसे परिस्थिति में उस प्रॉपर्टी का मालिक उस प्रॉपर्टी को बेच देता है और अपना छुटकारा पाकर दूशरे के सर पर झंझट थोप देता है। ऐसा परिस्थिति में जो व्यक्ति ऊस प्रॉपर्टी को खरीदता है वह कानून का झंझट में बुरी तरह से फंस जाता है। आजके इस पोस्ट में हमलोग इसी बिन्दु पर बात करेंगे कि कोई भी जमीन खरीदने से पहले आपको कौन सा कागजात का डिमांड प्रॉपर्टी का मालिक से करना चाहिए और उसका सत्यापन आपको कैसे करना चाहिए।

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आप जो प्रॉपर्टी का मालिक से प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं उससे पहले टाइटलधारी होने का कागजात का माॅग कीजिये कि वो सच में उस प्रॉपर्टी का मालिक हैं या नहीं। टाइटलधारी होने का कागजात के तौर पर जमीन का केवाला आपको दिखा सकता हैं या गिफ्ट डीड दिखा सकता है या वसीयतनामा दिखा सकता हैं। आपको यदी केवाला दिया है तो उसमें सबसे पहले आपको यह देखना चाहिए कि उस प्रॉपर्टी का एक मालिक हैं या एक से अधिक हैं। यदी एक से अधिक व्यक्ति का नाम उस केवाला पर हैं तो सभी से संपर्क करें और जाँच करें कि वह प्रॉपर्टी बिकने से उसका कोई फरिक को कोई आपत्ति तो नहीं है। केवाला का सत्यापन ऑनलाइन भी कर सकते हैं या फिर रजिस्ट्री ऑफिस से भी सत्यापन करा सकते हैं। इसी प्रकार यदी वह जमीन उसको वसीयत से मिला है तो वसीयत का जाॅच करें कि वसीयत का रजिस्ट्री कराया गया है या नहीं। साथ ही वसीयत बनाते समय जो व्यक्ति गवाही दिया था उससे भी संपर्क करें और उससे पुछ ताछ करें।

दाख़िल ख़ारिज

आप जो जमीन खरीदने जा रहे हैं उसका दाख़िल ख़ारिज का सत्यापन करें कि उस जमीन का दाख़िल ख़ारिज हुआ है या नहीं। यदी दाख़िल ख़ारिज नहीं हुआ है तो ऐसे परिस्थिति में उस प्रॉपर्टी को खरीदने से बचना चाहिए। आप उस प्रॉपर्टी का मालिक को पहले दाख़िल ख़ारिज कराने को कहें यदी दाख़िल ख़ारिज नहीं हो रहा हैं तो ऐसे परिस्थिति में आपको प्रॉपर्टी नहीं खरीदना चाहिए। यदी दाख़िल ख़ारिज हो गया है तो लगान रशीद देखना होगा की कबतक का लगान रशीद निर्गत किया गया है। यदी लगान रशीद अपडेट नहीं हैं तो लगान रशीद अपडेट करने को कहें। दाख़िल ख़ारिज का सत्यापन के लिए आप संबंधित तहसील कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही ऑनलाइन भी देख सकते हैं कि कब दाख़िल ख़ारिज हुआ है और कबतक का रशीद निर्गत किया गया है। ( यह भी पढ़े:- जमीन का दाख़िल ख़ारिज देखें)

सरकारी अमीन से जमीन नापी

जमीन का केवाला और लगान रशीद से संतुष्ट होने के बाद आप उस जमीन का नापी सरकारी अमीन से कराए। आपको यहाँ ध्यान में रखना होगा कि आप जमीन का नापी सरकारी अमीन से ही कराए। प्राइवेट अमीन से जमीन नापी करने पर कानूनी दृष्टिकोण से इसका कोई मान्यता नहीं रहेगा। साथ ही प्राइवेट अमीन से जमीन नापी कराने में आपको ज्यादा से ज्यादा खर्च भी आएगा। सरकारी अमीन से जमीन नापी कराने पर इसका मान्य कोर्ट में भी होगा। आप जो जमीन खरीदने जा रहे हैं उसका नापी सरकारी अमीन से कराने के बाद ही आगे कोई निर्णय लें। मान लेते हैं आप जो जमीन खरीदने जा रहे हैं वह 50 डिसमील जमीन हैं और आपको केवाला और लगान रशीद भी 50 डिसमील जमीन का दिखाया गया है लेकिन वास्तव में उस जमीन का नापी करने पर वह जमीन 40 डिसमील हैं तो ऐसे परिस्थिति में आपको 40 डिसमील जमीन खरीदना चाहिए। यानी कि वास्तव में नापी के बाद जितना जमीन हुआ है उससे ज्यादा जमीन आपको नहीं खरीदना चाहिए। ( यह भी पढें:- जमीन का नापी सरकारी अमीन से कराए)

प्रॉपर्टी का प्रकार

आप जो जमीन खरीदने जा रहे हैं उसमें ये भी देखना होगा कि वह उसका पुस्तैनी प्रॉपर्टी है या स्वयं अर्जित प्रॉपर्टी हैं। यदी स्वयं अर्जित प्रॉपर्टी हैं तो कोई परेशानी का बात नहीं हैं। यदी पुस्तैनी प्रॉपर्टी हैं तो ऐसे परिस्थिति में आपको यह देखना होगा कि उस प्रॉपर्टी में कितना हिस्सेदार हैं और यदि कोई एक हिस्सेदार अपना हिस्सा का जमीन बेचता है तो उसका फरिक को कोई आपत्ति तो नहीं है। साथ ही यदी पुस्तैनी प्रॉपर्टी हैं तो ऐसे परिस्थिति में आप प्रॉपर्टी का मालिक को कहें कि वह पहले उस प्रॉपर्टी का परिवारिक बंटवारा करे उसके बाद ही प्रॉपर्टी खरीदें। हलांकि बीना बंटवारा किए भी प्रॉपर्टी खरीदा जा सकता है लेकिन आपको यहाँ पर नुकसान यह होगा कि आप कोई एक तरफ से जमीन नहीं खरीद सकते हैं सिर्फ उस मालिक का जितना हिस्सा होगा उतना ही जमीन खरीद सकते हैं। पुस्तैनी प्रॉपर्टी होने पर उससे वंशावली का भी डिमांड करें और वंशावली में देखें किसका हिस्सा में कितना जमीन हैं। ( यह भी पढ़े:- जमीन का केेवाला निकाले )

वास्तविक स्थिति

जमीन का वास्तविक स्थिति का भी जांच करें कि जमीन किस अवस्था में हैं और वर्तमान समय में उस प्रॉपर्टी पर किसका कब्जा हैं। यदी कोई दूसरा व्यक्ति उस जमीन पर कब्जा किया हुआ है तो जमीन मालिक से शिकायत करें कि कब्जा खाली कराए। साथ ही उस जमीन पर किसी प्रकार का कोई ॠण लिया गया हैं या नहीं इसका भी सत्यापन करें और उस जमीन पर कोई मुकदमा कोर्ट में लंबित हैं या नहीं इसका भी सत्यापन करें। ये सब सत्यापन के लिए आप कोई वकील का मदद लें सकते हैं। ( यह भी पढ़े:- एक प्रॉपर्टी दो बार बेचा गया है कानूनी उपाय)

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