आजके इस पोस्ट में हमलोगों बात करेगें कि जनहित याचिका क्या होता हैं? जनहित याचिका कौन कोर्ट में दायर किया जा सकता है? जनहित याचिका कौन दायर कर सकता हैं? जनहित याचिका दायर करने का कोर्ट फिस कितना लगता हैं? इस पोस्ट में जनहित याचिका से संबंधित सभी प्रश्न को बहुत ही आसान भाषा में बताया गया है। इस पोस्ट को अंत तक देख लेंगे तो आपको जनहित याचिका से संबंधित सभी प्रश्न का जवाब मिल जाएगा। फिर भी यदि आपके मन में कोई प्रश्न होगा तो आप निचे काॅमेन्ट करें मैं सभी का काॅमेन्ट का जवाब दूँगा।
जनहित याचिका क्या हैं
जनहित याचिका आप नागरिकों के लिए एक बहुत बड़ा हथियार है। यदी आपका कोई निजी समस्या होता हैं तो आप कोर्ट में केस फाईल करते हैं लेकिन जनहित याचिका आपका निजी मामला न होकर सार्वजिनक मामला होता हैं। जनहित याचिका एक ग्रुप के लिए फ़ाईल किया जा सकता है या आम आदमी के एक समूह का हित के लिए फ़ाईल किया जा सकता है। जनहित याचिका का जन्म अमरीका को माना जाता है। भारत में जनहित याचिका का पिता पी.एन. भगवती को माना जाता है। जनहित याचिका का अंग्रेजी Public Interest Litigation होता हैं। इसको संक्षेप में PIL लिखा जाता हैं। PIL आप अपने नाम से भी फाईल कर सकते हैं या कोई Trust/NGO के नाम से भी फाईल कर सकते हैं। लेकिन आपको यहाँ पर ध्यान में रखना होगा कि PIL फाईल करने वाला जो भी वादी हैं उसका व्यक्तिगत लाभ उस PIL से नहीं जुड़ा होना चाहिए। ( यह भी पढें:- गलत खाता में पैसा भेज दिया ऐसे होगा वापस)
जनहित याचिका फ़ाईल कहाँ करें
District Court या इससे निचे वाला कोर्ट में जनहित याचिका फाईल नहीं किया जा सकता है। PIL सिर्फ High Court या Supreme Court में ही फाईल किया जा सकता हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत Supreme Court में PIL फाईल किया जाता हैं और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत High Court में PIL फाईल किया जाता हैं। Supreme Court में सिर्फ मौलिक अधिकार से संबंधित मामले के लिए ही PIL फाईल किया जाता है। High Court में मौलिक अधिकार से संबंधित समस्या पर भी PIL फाईल किया जा सकता है और अन्य समस्या के लिए भी PIL फाईल किया जा सकता है। आप जिस समस्या के लिए PIL फाईल करने जा रहे हैं वह समस्या जिस विभाग से संबंधित हैं उस विभाग से पहले आपको उस समस्या का समाधान के लिये आग्रह करना होगा, फिर भी वह समस्या का समाधान नहीं मिले या संबंधित विभाग आपका नहीं सुने तो आप जनहित याचिका फाईल कर सकते हैं। (यह भी पढ़े:- ATM से कटा फटा पैैसा निकलने पर कानून)
किसके विरुद्ध PIL फाईल करें
जनहित याचिका राज्य या सरकार के खिलाफ फाईल किया जा सकता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 में राज्य का परिभाषा दिया गया है। इस अनुच्छेद में कुछ Organization’s और Department को रखा गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 में जितने भी Organization’s और Department को रखा गया है सिर्फ उसी के खिलाफ जनहित याचिका दायर किया जा सकता है। यदी आपके गाँव/शहर में सड़क के किनारे लाइट लगाने का फंड था और लाइट नहीं लगाया गया है तो ऐसे परिस्थिति में भी आप जनहित याचिका फाईल कर सकते हैं क्योंकि यहाँ पर लाइट नहीं लगने से आम आदमी को समस्या हो रहा है। आपको यहाँ पर ध्यान में रखना होगा कि आप जो जनहित याचिका फाईल करने जा रहे हैं उस याचिका में सिर्फ आपका स्वार्थ निहित नहीं होना चाहिए। यदी कानून में कोई कमी है और उसको खत्म करने का उपाय आपके पास हैं तो भी जनहित याचिका दायर किया जा सकता है। ( यह भी पढ़े:- प्रॉपर्टी बेचते समय रखें
जनहित याचिका में कोर्ट फिस
जनहित याचिका दायर करने में आपको कोर्ट फिस का भी भुगतान करना होगा। यदी आपका जनहित याचिका सिविल से संबंधित है तो जितने भी प्रतिवादी हैं प्रत्येक प्रतिवादी के दर से ₹50 कोर्ट फिस के रुप में भुगतान करना होगा। यह भुगतान का राशि को आप ऑनलाइन या टिकट के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं। यदी आपका जनहित याचिका क्रिमिनल से संबंधित है तो यहाँ पर कोर्ट का फिस और कम हो जाता हैं यानि कि ना के बराबर फिस लगता हैं। कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कि कोर्ट अपना फिस को 100% माफ़ भी कर देता हैं। जनहित याचिका दायर करने के लिए वकील का कोई ख़ास जरुरत भी नहीं पड़ता है। यदी आपको लीगल जानकारी हैं तो आप खुद से भी जनहित याचिका दायर कर सकते है। यदी आप खुद के स्वार्थ के लिये जनहित याचिका दायर करते हैं तो कोर्ट के द्वारा आपके उपर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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